*आज का पञ्चाङ्ग*
*दिनांक – 26 दिसम्बर 2024*
*दिन – गुरूवार*
*संवत्सर – काल युक्त*
*विक्रम संवत – 2081*
*शक संवत – 1946*
*कलि युगाब्द –5126*
*अयन – दक्षिणायन*
*ऋतु – शिशिर ॠतु*
*मास – पौष (गुजरात-महाराष्ट्र मार्गशीर्ष)*
*पक्ष – कृष्ण*
*तिथि – एकादशी रात्रि 12:43 तक तत्पश्चात द्वादशी*
*नक्षत्र – स्वाती शाम 06:09 तक विशाखा*
*योग – सुकर्मा रात्रि 10:24 तक तत्पश्चात धृति*
*राहुकाल – दोपहर 01:28 से शाम 02:47 तक*
*सूर्योदय – 06:47*
*सूर्यास्त – 05:13*
_स्थानीय समयानुसार राहुकाल सूर्यास्त सूर्योदय समय में अंतर सम्भव है।
*दिशाशूल – दक्षिण दिशा मे*
*अग्निवास*
26+05+01=32÷4=00 प्रथ्वी लोक में।
*शिववास*
26+26+5=57÷7 =05 सभायाम वासे।
*व्रत पर्व विवरण – सफला एकादशी*
विशेष- हर एकादशी को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती है l *राम रामेति रामेति । रमे रामे मनोरमे ।। सहस्त्र नाम त तुल्यं । राम नाम वरानने ।।*
आज एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से विष्णु सहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l
एकादशी के दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए।
एकादशी को चावल व साबूदाना खाना वर्जित है | एकादशी को शिम्बी (सेम) ना खाएं अन्यथा पुत्र का नाश होता है।
जो दोनों पक्षों की एकादशियों को आँवले के रस का प्रयोग कर स्नान करते हैं, उनके पाप नष्ट हो जाते हैं।
*सफला एकादशी*
25 दिसम्बर 2024 बुधवार को रात्रि 10:29 से 26 दिसम्बर, गुरुवार को रात्रि 12:43 तक एकादशी है।
विशेष – 26 दिसम्बर, गुरुवार को एकादशी का व्रत (उपवास) रखे।
सफला एकादशी ( व्रत से सभी कार्य सफल होते हैं | यह सुख, भोग और मोक्ष देनेवाली है | इस रात को जागरण करने से हजारों वर्षों की तपस्या करने से भी अधिक फल मिलता है |)
*विघ्न-बाधाएँ दूर करने हेतु मंत्र*
अगर साधना में विध्न आते हों तो ‘ॐ नमो सर्वार्थसाधिनि स्वाहा |’ इस मंत्र का जप करके हाथ में जल ले के अपने आसन के चारों ओर छोड़ते हुए घेरा बना लें |
बस, विघ्न गये और प्रभु का आनंद और प्रभु के दीवाने रहे !
*पंचक*
03 जनवरी 2025 दिन शुक्रवार को सुबह 10:48 बजे से 07 जनवरी 2025 दिन मंगलवार को साय 05:50 बजे तक।
*एकादशी*
10 जनवरी 2025 दिन शुक्रवार पुत्रदा एकादशी व्रत सर्वे।
*प्रदोष*
28 दिसम्बर 2024 दिन शनिवार प्रदोष व्रत।
29 दिसम्बर 2024 दिन रविवार मासिक शिव रात्रि ।
11 जनवरी 2025 दिन शनिवार प्रदोष व्रत।
*पूर्णिमा*
13 जनवरी 2025 दिन सोमवार स्नान दान वृत पूर्णिमा।
*अमावस्या*
30 दिसम्बर 2024 दिन सोमवार देवपितृकार्य सोमवती अमावस्या।
*पंo वेदान्त अवस्थी*